Monday, May 20, 2024
spot_img
होमMumbaiMaharashtra Tantrik Baba Sexual Harassment Case | Mumbai News | बॉम्बे HC...

Maharashtra Tantrik Baba Sexual Harassment Case | Mumbai News | बॉम्बे HC बोला- लोगों का तांत्रिकों के पास जाना दुर्भाग्यपूर्ण: वे अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं, समाधान की आड़ में यौन उत्पीड़न करते हैं inmumbainews


मुंबई26 दिन पहले

  • कॉपी लिंक

45 साल के तांत्रिक ने इलाज के नाम पर दिमागी रूप से कमजोर 6 लड़कियों के साथ यौन शोषण किया था। साथ ही उनके माता-पिता से 1.30 करोड़ रुपए लिए थे।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में एक तांत्रिक के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि लोग अपनी समस्याएं लेकर तांत्रिकों और बाबाओं के पास जाते हैं। यह हमारे समय की एक दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई है। ये तांत्रिक समाधान के नाम पर लोगों का शोषण करते हैं।

हाई कोर्ट ने कहा- ये तथाकथित तांत्रिक और बाबा लोगों की कमजोरी और अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं। ये (तांत्रिक/बाबा) समस्या सुलझाने की आड़ में लोगों से न सिर्फ पैसे ऐंठते हैं, बल्कि कई बार पीड़ितों का यौन उत्पीड़न भी करते हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने छह नाबालिग लड़कियों से यौन उत्पीड़न के दोषी शख्स की सजा बरकरार रखते हुए ये टिप्पणी की। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी।

45 साल का शख्स खुद के तांत्रिक होने का दावा करता था। उसने इलाज के नाम पर दिमागी रूप से कमजोर लड़कियों के साथ यौन शोषण किया था। साथ ही उनके माता-पिता से नाबालिगों को ठीक करने की आड़ में 1.30 करोड़ रुपए लिए थे।

2010 में तांत्रिक के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR
इस मामले में साल 2010 में FIR दर्ज कराई गई थी। एक सेशन कोर्ट ने 2016 में तांत्रिक को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तांत्रिक ने सेशन कोर्ट के फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट उसकी याचिका खारिज करते हुए सजा को बरकरार रखा।

HC बोला- यह अंधविश्वास का एक विचित्र मामला
हाई कोर्ट ने पिछले महीने यानी फरवरी में अपना फैसला सुनाया था। शनिवार (2 मार्च) को कोर्ट का जजमेंट सामने आया। कोर्ट ने इसमें कहा- यह अंधविश्वास का एक विचित्र मामला है। यह ऐसा केस नहीं है, जहां सजा कम की जानी चाहिए। तांत्रिक के खिलाफ ठोस सबूत हैं और पीड़ितों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में उसकी सजा भी अपराध के अनुरूप होनी चाहिए।

ये खबरें भी पढ़ें…

रेप विक्टिम के बच्चे का DNA टेस्ट सही नहीं: HC बोला- इसी में बच्चे का हित; लड़की ने डिलीवरी के बाद गोद दे दिया था

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि गोद लेने (एडॉप्शन) के बाद रेप विक्टिम के बच्चे का DNA टेस्ट कराना सही नहीं है। ऐसा करना बच्चे और उसके भविष्य के हित में नहीं है। जस्टिस जीए सनप की सिंगल बेंच ने 17 साल की लड़की से रेप करने के आरोपी को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की। पूरी खबर पढ़ें…

SC बोला- जज फैसला देते समय अपने विचार न रखें: कलकत्ता HC ने कहा था- किशोरियां यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखें

कलकत्ता हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था- किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। वे दो मिनट के सुख के लिए समाज की नजरों में गिर जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने इस पर संज्ञान लेते हुए आपत्ति जताई। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments